इस देश में लड़कियों के पसीने से बनाए जा रहे हैं चावल, रेस्टोरेंट में खूब होती है इनकी बिक्री

इस देश में लड़कियों के पसीने से बनाए जा रहे हैं चावल, रेस्टोरेंट में खूब होती है इनकी बिक्री

कांख में होने वाले पसीने की वजह से शरीर से बदबू आने लगती है. इस वजह से लोग उसे साफ करने के या पसीने से बचने के अलग-अलग उपाय खोजते रहते हैं. पर एक देश में तो इस पसीने का इस्तेमाल कर के अजीबोगरीब डिश बनाई जा रही है. हम बात कर रहे हैं जापान…

क्या आप जानते हैं कि रेलवे इंजीनियर को कैसे पता चलता है कि रेल की पटरी खराब हो गई है और इसे कब बदल जाता है, जानिए सबकुछ

क्या आप जानते हैं कि रेलवे इंजीनियर को कैसे पता चलता है कि रेल की पटरी खराब हो गई है और इसे कब बदल जाता है, जानिए सबकुछ

ट्रेन से हम सबने सफर क‍िया है, लेकिन क्‍या कभी रेल पटरी बदलते हुए देखा है? ज्‍यादातर तभी रेल पटरी बदली जाती है, जब कोई हादसा हो जाता है. रेलवे ट्रैक में दरार आ जाती है. या फ‍िर रेल पटरी उखड़ जाती है या टूट जाती है. बाकी की पटरी वैसी की वैसी रहती है….

सीख; युद्ध के मैदान में दोनों पक्षों की सेनाएं आमने-सामने थीं, उस समय श्रीराम ने वानर सेना से एक ऐसी बात कही, जिसे सुनकर सभी चौंक गए, श्रीराम ने कहा, ‘हमें एक प्रयास और करना चाहिए, युद्ध…….

सीख; युद्ध के मैदान में दोनों पक्षों की सेनाएं आमने-सामने थीं, उस समय श्रीराम ने वानर सेना से एक ऐसी बात कही, जिसे सुनकर सभी चौंक गए, श्रीराम ने कहा, ‘हमें एक प्रयास और करना चाहिए, युद्ध…….

रामायण में श्रीराम और रावण के बीच युद्ध शुरू होने वाला था। लंका के युद्ध के मैदान में दोनों पक्षों की सेनाएं तैयार थीं। उस समय श्रीराम ने वानर सेना से एक ऐसी बात कही, जिसे सुनकर सभी चौंक गए। श्रीराम ने वानर सेना से कहा, ‘हमें एक प्रयास और करना चाहिए। युद्ध शुरू होने…

सीख; एक बार गुरु नानक देव गोरख मत्था नाम की जगह पर पहुंचे, वहां वे एक पीपल के सूखे पेड़ नीचे बैठ गए, कुछ ही समय बाद वह पेड़ हरा-भरा हो गया, उस समय गोरख मत्था में सिद्ध नाथों की बस्ती हुआ करती थी……

सीख; एक बार गुरु नानक देव गोरख मत्था नाम की जगह पर पहुंचे, वहां वे एक पीपल के सूखे पेड़ नीचे बैठ गए, कुछ ही समय बाद वह पेड़ हरा-भरा हो गया, उस समय गोरख मत्था में सिद्ध नाथों की बस्ती हुआ करती थी……

गुरु नानक देव यात्राएं बहुत करते थे। यात्रा करते हुए एक बार वे गोरख मत्था नाम की जगह पर पहुंचे। गोरख मत्था में गुरु नानक पीपल के सूखे पेड़ नीचे बैठ गए। कुछ ही समय बाद वह पेड़ हरा-भरा हो गया। उस समय गोरख मत्था में सिद्ध नाथों की बस्ती हुआ करती थी। सिद्ध नाथ…

सीख; विवेकानंद जी हिमालय में एकांत में तपस्या करना चाहते थे, ठीक उसी समय उन्हें सूचना मिली कि कोलकाता में प्लेग फैल गया है और ये बीमारी अनियंत्रित हो गई है, लोग मर रहे हैं……..

सीख; विवेकानंद जी हिमालय में एकांत में तपस्या करना चाहते थे, ठीक उसी समय उन्हें सूचना मिली कि कोलकाता में प्लेग फैल गया है और ये बीमारी अनियंत्रित हो गई है, लोग मर रहे हैं……..

स्वामी विवेकानंद से जुड़ा किस्सा है। विवेकानंद जी हिमालय में भ्रमण कर रहे थे। वे एकांत में तपस्या करना चाहते थे। उस समय उन्हें सूचना मिली कि कोलकाता में प्लेग फैल गया है और ये बीमारी अनियंत्रित हो गई है। लोग लगातार मर रहे हैं। ये सूचना मिलने के बाद विवेकानंद जी ने विचार किया…

सीख; माया नगरी के राजा का नाम था शीलनिधि, राजा की एक कन्या थी, उसका नाम था विश्वमोहिनी, नारद मुनि उस नगरी में पहुंचे, शीलनिधि ने नारद जी को प्रणाम किया तो वे प्रसन्न हो गए, राजा ने कहा……..

सीख; माया नगरी के राजा का नाम था शीलनिधि, राजा की एक कन्या थी, उसका नाम था विश्वमोहिनी, नारद मुनि उस नगरी में पहुंचे, शीलनिधि ने नारद जी को प्रणाम किया तो वे प्रसन्न हो गए, राजा ने कहा……..

देवर्षि नारद को इस बात का घमंड हो गया था कि उन्होंने कामदेव को जीत लिया है। इसी घमंड में वे चले जा रहे थे, तभी उन्हें एक सुंदर नगरी दिखाई दी। वह माया नगरी थी। इस नगरी को विष्णु जी ने नारद जी को सीख देने के लिए बनाया था। इस बात का जानकारी…

सीख; शिव जी के अंश को हिमालय और गंगा भी संभाल नहीं सके थे, तब गंगा ने शिव जी के अंश को सरकंडे के वन में छोड़ दिया था, वहां जन्म हुआ था कार्तिकेय का, एक दिन……..

सीख; शिव जी के अंश को हिमालय और गंगा भी संभाल नहीं सके थे, तब गंगा ने शिव जी के अंश को सरकंडे के वन में छोड़ दिया था, वहां जन्म हुआ था कार्तिकेय का, एक दिन……..

कार्तिकेय स्वामी शिव जी के बड़े पुत्र हैं। उनका जन्म सरकंडे के वन में हुआ था। सरकंडे एक विशेष प्रकार की घास को कहा जाता है। शिव जी के अंश को हिमालय और गंगा भी संभाल नहीं सके थे। तब गंगा ने शिव जी के अंश को सरकंडे के वन में छोड़ दिया था। वहां…

सीख; संत रविदास आ जूते बनाने का काम था, इस काम से उन्हें जो कुछ भी मिल जाता, उससे ही वे अपना जीवन यापन कर रहे थे, वे अपनी कमाई से संतुष्ट रहते थे…….

सीख; संत रविदास आ जूते बनाने का काम था, इस काम से उन्हें जो कुछ भी मिल जाता, उससे ही वे अपना जीवन यापन कर रहे थे, वे अपनी कमाई से संतुष्ट रहते थे…….

संत रविदास अपनी झोपड़ी में बैठकर जूते बनाने का काम कर रहे थे। उन्हें संत रैदास के नाम से भी जाना जाता है। इस काम से उन्हें जो कुछ भी मिल जाता, उससे जीवन यापन कर रहे थे, वे अपनी कमाई से संतुष्ट रहते थे। एक दिन एक साधु उनकी झोपड़ी पर आया। उसने देखा…

सीख; क्लास की हालत देखकर शिक्षक को बहुत गुस्सा आ रहा था, दरअसल उनके आने से पहले किसी ने वहां बैठकर मूंगफली खाई थी और छिलके वही फर्श पर गिरा दिए थे……..

सीख; क्लास की हालत देखकर शिक्षक को बहुत गुस्सा आ रहा था, दरअसल उनके आने से पहले किसी ने वहां बैठकर मूंगफली खाई थी और छिलके वही फर्श पर गिरा दिए थे……..

उस दिन क्लास में शिक्षक बहुत गुस्से में थे। कारण था उनके आने से पहले किसी ने क्लास में मूंगफली खाई और छिलके नीचे फर्श पर ही फेंक दिए। शिक्षक का पारा चढ़ाने के लिए इतना काफी था। शिक्षक ने सबसे पूछा कि ये कचरा किसने फैलाया है। किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने…

सीख; एक दिन राजा विक्रमादित्य राजसभा में बैठे हुए थे तभी वहां एक महात्मा आए, राजा ने उनसे पूछा, ‘मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं? ‘महात्मा ने कहा, ‘मुझे भूख लगी है, कृपया भोजन दे दीजिए…….

सीख; एक दिन राजा विक्रमादित्य राजसभा में बैठे हुए थे तभी वहां एक महात्मा आए, राजा ने उनसे पूछा, ‘मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं? ‘महात्मा ने कहा, ‘मुझे भूख लगी है, कृपया भोजन दे दीजिए…….

राजा विक्रमादित्य से जुड़ा किस्सा है। एक दिन उनकी राजसभा में एक महात्मा आए। राजा ने उनसे पूछा, ‘मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं?’ महात्मा ने कहा, ‘मुझे भूख लगी है, कृपया भोजन दे दीजिए।’ राजा ने महात्मा जी को भोजन कराने का आदेश दे दिया। जब भोजन सामने आया तो संत ने रोटी…