सीख; देवराज नाम के एक व्यक्ति की फलों के रस की दुकान थी, वह हर हालत में बस पैसा कमाना और उस पैसे से भोग-विलास कैसे किया जाए, यही सोचता था, उसे चरित्र की चिंता बिल्कुल नहीं थी……….

सीख; देवराज नाम के एक व्यक्ति की फलों के रस की दुकान थी, वह हर हालत में बस पैसा कमाना और उस पैसे से भोग-विलास कैसे किया जाए, यही सोचता था, उसे चरित्र की चिंता बिल्कुल नहीं थी……….

देवराज नाम का एक व्यक्ति फलों का रस बेचने का व्यापार करता था। उसे चरित्र की चिंता बिल्कुल नहीं थी। हर हालत में पैसा कैसे कमाया जाए और उस पैसे से भोग-विलास कैसे किया जाए, यही उसका लक्ष्य था। ऐसे ही गलत आचरण की वजह से उसका संबंध भावती नाम की वैश्या से हो गया।…

सीख; जब श्रीराम, सीता जी और लक्ष्मण वनवास में थे तो वे एक कुटिया बनाकर रहते थे, एक दिन सीता जी ये देखकर हैरान हो गईं कि जो काम वो करती थीं, श्रीराम कर रहे थे, श्रीराम ने फूल……..

सीख; जब श्रीराम, सीता जी और लक्ष्मण वनवास में थे तो वे एक कुटिया बनाकर रहते थे, एक दिन सीता जी ये देखकर हैरान हो गईं कि जो काम वो करती थीं, श्रीराम कर रहे थे, श्रीराम ने फूल……..

श्रीराम, सीता और लक्ष्मण जब वनवास में थे तो कुटिया बनाकर रहते थे। सीता जी का नियम था कि वे सुबह फूल चुनतीं और इसके बाद श्रीराम का श्रृंगार करतीं, क्योंकि श्रीराम उनके लिए सिर्फ पति ही नहीं, परमात्मा का रूप भी थे। एक दिन सीता जी देखकर हैरान हो गईं कि जो काम वो…

सीख; चंचुला और बिंदुक दोनों पति-पत्नी थे, शादी के बाद से ही बिंदुक की रुचि दूसरी स्त्रियों में रहती थी, बिंदुक आचरण से बहुत गिर चुका था, बहुत समय तक तो चंचुला ने धैर्य रखा, पति को सुधारने का प्रयास किया, लेकिन……..

सीख; चंचुला और बिंदुक दोनों पति-पत्नी थे, शादी के बाद से ही बिंदुक की रुचि दूसरी स्त्रियों में रहती थी, बिंदुक आचरण से बहुत गिर चुका था, बहुत समय तक तो चंचुला ने धैर्य रखा, पति को सुधारने का प्रयास किया, लेकिन……..

शास्त्रों में चंचुला और बिंदुक की कहानी बताई गई है। चंचुला और बिंदुक दोनों पति-पत्नी थे। शादी के बाद से ही बिंदुक चंचुला की उपेक्षा करता था और उसकी रुचि दूसरी स्त्रियों में रहती थी। बिंदुक आचरण से बहुत गिर चुका था। बहुत समय तक तो चंचुला ने धैर्य रखा, पति को सुधारने का प्रयास…

व्याघ्रपाद ऋषि के एक पुत्र था जिसका नाम था उपमन्यु, एक दिन बालक उपमन्यु ने अपनी मां से पीने के लिए दूध मांगा, उस समय घर में दूध नहीं था, माता ने चावल का आटा पानी में घोला और बच्चे को पीने के लिए……..

व्याघ्रपाद ऋषि के एक पुत्र था जिसका नाम था उपमन्यु, एक दिन बालक उपमन्यु ने अपनी मां से पीने के लिए दूध मांगा, उस समय घर में दूध नहीं था, माता ने चावल का आटा पानी में घोला और बच्चे को पीने के लिए……..

पुराने समय में व्याघ्रपाद नाम के एक ऋषि थे। उनके पुत्र का नाम था उपमन्यु। इस बालक ने एक दिन अपनी मां से दूध मांगा, उस समय घर में दूध नहीं था। माता ने चावल का आटा पानी में घोला और बच्चे को पीने के लिए दे दिया। उपमन्यु ने थोड़ा सा पिया और कहा,…

सीख; सिद्धार्थ के पिता राजा शुद्धोदन को चिंता होने लगी कि कहीं मेरा बेटा साधु न बन जाए, राजा ने ऐसी हर एक बात से उन्हें दूर रखा जो जीवन के प्रति सवाल खड़े करती हों, बच्चे का लालन-पालन भी बहुत ही निराले ढंग से किया…….

सीख; सिद्धार्थ के पिता राजा शुद्धोदन को चिंता होने लगी कि कहीं मेरा बेटा साधु न बन जाए, राजा ने ऐसी हर एक बात से उन्हें दूर रखा जो जीवन के प्रति सवाल खड़े करती हों, बच्चे का लालन-पालन भी बहुत ही निराले ढंग से किया…….

राजा शुद्धोदन के बेटे का नाम सिद्धार्थ था। यही सिद्धार्थ जो आगे जाकर बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए। राजा को किसी ने कहा था कि तुम्हारा बेटा या तो बहुत बड़ा राजा बनेगा, या बहुत बड़ा साधु बनेगा। राजा शुद्धोदन को चिंता होने लगी कि कहीं मेरा बेटा साधु न बन जाए। राजा ने…

सीख; एक बार लहिणा ने गांव में किसी की मधुर वाणी में कुछ पंक्तियां सुनीं, उन्होंने गाने वाले से पूछा, ‘ये पंक्तियां किसकी लिखी हुई हैं?’ उस व्यक्ति ने कहा, ‘ये गुरुनानक देव की पंक्तियां हैं’ लहिणा ने विचार किया कि…….

सीख; एक बार लहिणा ने गांव में किसी की मधुर वाणी में कुछ पंक्तियां सुनीं, उन्होंने गाने वाले से पूछा, ‘ये पंक्तियां किसकी लिखी हुई हैं?’ उस व्यक्ति ने कहा, ‘ये गुरुनानक देव की पंक्तियां हैं’ लहिणा ने विचार किया कि…….

गुरुनानक देव और लहिणा का व्यवहार देखकर सभी लोग हैरान रह जाते थे। लहिणा गृहस्थ थे। एक बार उन्होंने अपने गांव में किसी की मधुर वाणी में कुछ पंक्तियां सुनीं। उन्होंने गाने वाले से पूछा, ‘ये किसका लिखा हुआ है?’ गाने वाले ने कहा, ‘ये गुरुनानक देव की पंक्तियां हैं।’ लहिणा ने विचार किया कि…

सीख; एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश यात्रा पर गए हुए थे, इस दौरान वे अपने कुछ अंग्रेज साथियों के साथ जंगल में घूम रहे थे, उनके साथ मूलर नाम की एक महिला भी थी, जंगल में अचानक सामने से एक बलवान सांड दौड़ता हुआ……..

सीख; एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश यात्रा पर गए हुए थे, इस दौरान वे अपने कुछ अंग्रेज साथियों के साथ जंगल में घूम रहे थे, उनके साथ मूलर नाम की एक महिला भी थी, जंगल में अचानक सामने से एक बलवान सांड दौड़ता हुआ……..

स्वामी विवेकानंद विदेश यात्रा पर थे। एक दिन वे अपने कुछ अंग्रेज साथियों के साथ जंगल में घूम रहे थे। उनके साथ मूलर नाम की एक महिला भी थी। ये लोग जंगल में आगे बढ़ रहे थे, तभी सामने से एक बलवान सांड दौड़ता हुआ आ रहा था। सांड को देखकर अंग्रेज समझ गए कि…

सीख; एक बार छह महर्षि में मुक्ति यानी शांति किस परम शक्ति से मिल सकती है इस बात तो लेकर विवाद हो गया, वे सभी बहस करते-करते ब्रह्मा जी के पास पहुंचे, ब्रह्मा जी ने सभी की बात सुनकर कहा…….

सीख; एक बार छह महर्षि में मुक्ति यानी शांति किस परम शक्ति से मिल सकती है इस बात तो लेकर विवाद हो गया, वे सभी बहस करते-करते ब्रह्मा जी के पास पहुंचे, ब्रह्मा जी ने सभी की बात सुनकर कहा…….

एक बार छह महर्षि आपस में इस बात के लिए विवाद करने लगे कि मुक्ति यानी शांति किस परम शक्ति से मिल सकती है, वो कौन सा स्वरूप होगा जो शांति प्रदान करता है? सभी ऋषि मुनि ये बहस करते-करते ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। ब्रह्मा जी ने सभी की बात सुनकर कहा, ‘मुक्ति का…

सीख; द्वारिका में सत्राजित नाम का एक व्यक्ति रहता था, वह सूर्य देव का भक्त था, उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने सत्राजित को स्यमंतक नाम की चमत्कारी मणि दी थी, ये मणि रोजाना बीस तोला सोना उगलती थी……..

सीख; द्वारिका में सत्राजित नाम का एक व्यक्ति रहता था, वह सूर्य देव का भक्त था, उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने सत्राजित को स्यमंतक नाम की चमत्कारी मणि दी थी, ये मणि रोजाना बीस तोला सोना उगलती थी……..

द्वारिका में सत्राजित नाम का एक सूर्य भक्त था। भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने सत्राजित को स्यमंतक नाम की चमत्कारी मणि दी थी। ये मणि बीस तोला सोना रोज उगलती थी, जिससे सत्राजित बहुत धनवान हो गया था। एक दिन श्रीकृष्ण ने सत्राजित से कहा, ‘आप ये मणि राजकोष में दे दीजिए, ताकि राज…

किस्सा; एक दिन भगत सिंह के पिता सरदार किशन सिंह और उनके दोस्त नंदकिशोर मेहता खेत पर काम करते हुए बातें कर रहे थे, उसी समय नंदकिशोर मेहता का ध्यान बालक भगत सिंह की तरफ गया…….

किस्सा; एक दिन भगत सिंह के पिता सरदार किशन सिंह और उनके दोस्त नंदकिशोर मेहता खेत पर काम करते हुए बातें कर रहे थे, उसी समय नंदकिशोर मेहता का ध्यान बालक भगत सिंह की तरफ गया…….

भगत सिंह के बचपन से जुड़ा किस्सा है। एक दिन भगत सिंह के पिता सरदार किशन सिंह और उनके दोस्त नंदकिशोर मेहता खेत पर बातें कर रहे थे। उस समय नंदकिशोर मेहता का ध्यान बालक भगत सिंह की ओर चला गया। बालक भगत सिंह छोटी-छोटी सींख, छोटी-छोटी लकड़ियां खेत में गाड़ रहा था और मिट्टी…