किसी गांव में परमेष्ठी नाम का एक दर्जी रहता था, वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था, दिल का साफ इंसान भी था, जो भी उसके पास अपने कपड़े सिलवाने आते थे, वे सभी लोग अच्छी तरह से जानते थे कि…….

किसी गांव में परमेष्ठी नाम का एक दर्जी रहता था, वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था, दिल का साफ इंसान भी था, जो भी उसके पास अपने कपड़े सिलवाने आते थे, वे सभी लोग अच्छी तरह से जानते थे कि…….

करीब 400 साल पुराना किस्सा है। परमेष्ठी नाम का एक दर्जी था। वह भगवान का परम भक्त था और बहुत खुले दिल का इंसान था। उसके यहां जो लोग कपड़े सिलाने आते थे, वे जानते थे कि हुनर तो परमेष्ठी में है ही, लेकिन ये बहुत अच्छा व्यक्ति भी है। परमेष्ठी के पास बैठकर लोगों…

सीख; एक दिन मथुरा बाबू परमहंस जी के पास दौड़ते हुए आए और बोले, ‘मंदिर में चोरी हो गई है, मूर्ति तो वहीं है, लेकिन कीमती वस्त्र और गहने चोर ले गया, आप मेरे साथ चलें, मेरा मन बहुत दुखी है…….

सीख; एक दिन मथुरा बाबू परमहंस जी के पास दौड़ते हुए आए और बोले, ‘मंदिर में चोरी हो गई है, मूर्ति तो वहीं है, लेकिन कीमती वस्त्र और गहने चोर ले गया, आप मेरे साथ चलें, मेरा मन बहुत दुखी है…….

रामकृष्ण परमहंस के एक शिष्य थे मथुरा बाबू। वे परमहंस जी के करीबी व्यक्ति थे। उन्होंने भगवान विष्णु का एक मंदिर बनवाया। मंदिर में भगवान की बहुत ही सुंदर मूर्ति स्थापित की। मथुरा बाबू धनवान थे तो उन्होंने विष्णु जी की मूर्ति को ऐसा सजाया कि लोग देखते रहते थे। मूर्ति की सजावट में उन्होंने…

पंजाब के किसी छोटे से गांव में एक दूधवाला रहता था, एक बार उसे एक महीने के दूध की कीमत डबल मिली तो वह हैरान हो गया, कीमत देने वाले से दूधवाले ने पूछा, ‘ये किस बात के लिए दूध का भुगतान किया……..

पंजाब के किसी छोटे से गांव में एक दूधवाला रहता था, एक बार उसे एक महीने के दूध की कीमत डबल मिली तो वह हैरान हो गया, कीमत देने वाले से दूधवाले ने पूछा, ‘ये किस बात के लिए दूध का भुगतान किया……..

पंजाब के छोटे से गांव में एक दूध वाला था। उसे एक महीने के दूध की कीमत डबल करके लौटाई गई तो वह हैरान हो गया। कीमत देने वाले से दूध वाले ने पूछा, ‘ये किस बात के लिए दूध का भुगतान किया जा रहा है और कौन कर रहा है?’ देने वाले ने कहा,…

स्वामी विवेकानंद के आश्रम में एक व्यक्ति लगातार प्रश्न पूछ रहा था और बहस भी कर रहा था, विवेकानंद जी उस व्यक्ति को कुछ समझाते, उससे पहले वह फिर से बोलना शुरू कर देता…….

स्वामी विवेकानंद के आश्रम में एक व्यक्ति लगातार प्रश्न पूछ रहा था और बहस भी कर रहा था, विवेकानंद जी उस व्यक्ति को कुछ समझाते, उससे पहले वह फिर से बोलना शुरू कर देता…….

स्वामी विवेकानंद के आश्रम में एक व्यक्ति लगातार प्रश्न पूछ रहा था और बहस भी कर रहा था। वह व्यक्ति कह रहा था कि मुझे किसी काम में सफलता नहीं मिलती। दिनभर मैं कई काम करता हूं, खूब प्रयास करता हूं, लेकिन कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता है। विवेकानंद जी उस व्यक्ति को…

द्वितीय सरसंघसंचालक माधवराव सदाशिव गोलवलकर सामान्य कार्यकर्ताओं के साथ पंगत में बैठे थे, तभी उनकी नजर एक कार्यकर्ता पर पड़ी, वह एक कोने में सिर नीचे करके बैठा हुआ था, कोई उसे कुछ समझाकर गया था, गोलवलकर जी…….

द्वितीय सरसंघसंचालक माधवराव सदाशिव गोलवलकर सामान्य कार्यकर्ताओं के साथ पंगत में बैठे थे, तभी उनकी नजर एक कार्यकर्ता पर पड़ी, वह एक कोने में सिर नीचे करके बैठा हुआ था, कोई उसे कुछ समझाकर गया था, गोलवलकर जी…….

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघसंचालक माधवराव सदाशिव गोलवलकर जी से जुड़ा किस्सा है। एक दिन कार्यकर्ताओं की पंगत लग चुकी थी। सभी बहुत उत्साहित थे, क्योंकि उनके प्रमुख द्वितीय सरसंघसंचालक माधवराव सदाशिव गोलवलकर भी आज सामान्य कार्यकर्ताओं के साथ पंगत में बैठे थे। कई लोग पंगत में खाना परोस रहे थे, उस समय गोलवलकर…

किस्सा; महात्मा गांधी और काका कालेलकर दक्षिण भारत की यात्रा पर थे, वहां गांधी जी की कई बैठकें थीं, उनकी व्यस्तता बढ़ती जा रही थी, इस दौरान उन्हें याद आया कि पिछली बार जब वे यहां आए थे तो कन्याकुमारी…….

किस्सा; महात्मा गांधी और काका कालेलकर दक्षिण भारत की यात्रा पर थे, वहां गांधी जी की कई बैठकें थीं, उनकी व्यस्तता बढ़ती जा रही थी, इस दौरान उन्हें याद आया कि पिछली बार जब वे यहां आए थे तो कन्याकुमारी…….

महात्मा गांधी और काका कालेलकर दक्षिण भारत की यात्रा पर थे। वहां गांधी जी की कई बैठकें थीं, उनकी व्यस्तता बढ़ती जा रही थी। इस दौरान उन्हें याद आया कि पिछली बार जब वे यहां आए थे तो कन्याकुमारी भी गए थे। कन्याकुमारी के प्राकृतिक वातावरण से गांधी जी इतने प्रभावित हुए थे कि वे…

सीख; श्रीकृष्ण भोजन करने के लिए बैठे हुए थे, रुक्मिणी जी ने 56 भोग की थाली सजा दी थी और श्रीकृष्ण को भोजन करा रही थीं, रुक्मिणी जी ने कहा, ‘आप बहुत व्यस्त रहते हैं, हमेशा अपने भक्तों के लिए……..

सीख; श्रीकृष्ण भोजन करने के लिए बैठे हुए थे, रुक्मिणी जी ने 56 भोग की थाली सजा दी थी और श्रीकृष्ण को भोजन करा रही थीं, रुक्मिणी जी ने कहा, ‘आप बहुत व्यस्त रहते हैं, हमेशा अपने भक्तों के लिए……..

श्रीकृष्ण भोजन करने बैठे थे। रुक्मिणी जी ने 56 भोग की थाली सजा दी थी और श्रीकृष्ण को भोजन करा रही थीं। रुक्मिणी जी ने कहा, ‘आप बहुत व्यस्त रहते हैं, हमेशा अपने भक्तों के लिए दौड़ते रहते हैं, कभी किसी को कुछ काम आ जाता है तो आप दौड़ जाते हैं। आज बैठे हैं…

एक ग्वाला रोज अपनी गायों को चराने के लिए जंगल ले जाता था, सभी गायों के गले में छोटी-छोटी घंटियां बंधी थीं, उस ग्वाले की एक गाय बहुत ही सुंदर थी, उसके गले में…….

एक ग्वाला रोज अपनी गायों को चराने के लिए जंगल ले जाता था, सभी गायों के गले में छोटी-छोटी घंटियां बंधी थीं, उस ग्वाले की एक गाय बहुत ही सुंदर थी, उसके गले में…….

छोटा सा अनुचित लाभ, हमारा बड़ा नुकसान करवा सकता है। लालच की वजह से हम ऐसी परेशानियों में फंस सकते हैं, जिसकी वजह से जीवन बर्बाद हो सकता है। लालच कैसे नुकसान करवाता है, इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। प्रचलित कथा के अनुसार पुराने समय में एक ग्वाला रोज अपनी गायों को…

कहानी- एक व्यक्ति ने खेती और व्यापार करके खूब धन कमा लिया था, लेकिन वह बहुत कंजूस था, कामवासना में फंसा हुआ था, लालची था, गुस्सा करता था, मित्रों और रिश्तेदारों से भी अच्छा व्यवहार नहीं करता था……..

कहानी- एक व्यक्ति ने खेती और व्यापार करके खूब धन कमा लिया था, लेकिन वह बहुत कंजूस था, कामवासना में फंसा हुआ था, लालची था, गुस्सा करता था, मित्रों और रिश्तेदारों से भी अच्छा व्यवहार नहीं करता था……..

श्रीकृष्ण और उद्धव से जुड़ा किस्सा है। एक दिन श्रीकृष्ण ने उद्धव को एक कहानी सुनाई थी। भगवान ने कहा कि उद्धव मैं तुम्हें ये कहानी इसलिए सुना रहा हूं, ताकि तुम समझ सको कि अच्छे काम सही समय पर क्यों करना चाहिए। कहानी इस प्रकार है- एक व्यक्ति ने खेती और व्यापार करके खूब…

सीख; बुद्ध की बात सुनकर शिष्य झरने की चल दिया, कुछ ही देर में शिष्य झरने के पास पहुंच गया, उसने वहां देखा कि पानी में से एक बैलगाड़ी गुजर रही है, पहियों की वजह………

सीख; बुद्ध की बात सुनकर शिष्य झरने की चल दिया, कुछ ही देर में शिष्य झरने के पास पहुंच गया, उसने वहां देखा कि पानी में से एक बैलगाड़ी गुजर रही है, पहियों की वजह………

बुद्ध के विचार और उनसे जुड़े किस्सों में छिपे जीवन प्रबंधन के सूत्रों को अपना लिया जाए तो कई समस्याएं दूर हो सकती हैं। बुद्ध ने कई किस्सों में संदेश दिया है कि समस्याओं को कैसे सुलझा सकते हैं। जानिए ऐसा ही एक किस्सा, जिसमें बुद्ध ने धैर्य का महत्व बताया है… गौतम बुद्ध अपने…