एक दिन ब्रह्मा जी और विष्णु जी खुद को श्रेष्ठ बताने के चक्कर में विवाद करने लगे, विवाद इतना बढ़ गया कि युद्ध की स्थिति बन गई, उस समय वहां एक शिवलिंग प्रकट हुआ और…….

एक दिन ब्रह्मा जी और विष्णु जी खुद को श्रेष्ठ बताने के चक्कर में विवाद करने लगे, विवाद इतना बढ़ गया कि युद्ध की स्थिति बन गई, उस समय वहां एक शिवलिंग प्रकट हुआ और…….

शिवजी के 19 अवतारों में से एक है कालभैरव। कालभैरव मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर प्रकट हुए थे। भैरव अवतार से जुड़ी कई अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ मान्यताओं में ब्रह्माजी को दंड देने के लिए शिवजी के क्रोध से कालभैरव प्रकट हुए थे। यहां जानिए कालभैरव से जुड़ी खास बातें… उज्जैन के शिवपुराण कथाकार…

पुराने समय में वृत्तासुर नाम के एक असुर का आतंक बढ़ गया था, इस असुर को सभी देवता पराजित नहीं कर पा रहे थे, उस समय दधिचि ऋषि ने देवताओं से कहा कि मेरे शरीर की हड्डियों से आप वज्र नाम का शस्त्र……

पुराने समय में वृत्तासुर नाम के एक असुर का आतंक बढ़ गया था, इस असुर को सभी देवता पराजित नहीं कर पा रहे थे, उस समय दधिचि ऋषि ने देवताओं से कहा कि मेरे शरीर की हड्डियों से आप वज्र नाम का शस्त्र……

शिव जी ने भी विष्णु जी की तरह ही समय-समय पर 19 अवतार लिए हैं। इन 19 अवतारों से में एक हैं पिप्पलाद अवतार। पिप्पलाद एक ऋषि मुनि थे। इनके पिता दधिचि मुनि थे। पिप्पलाद अवतार की कथा शनिदेव से जुड़ी है। जानिए ये कथा… शिव महापुराण के कथाकार और ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के…

सीख; माता सती के पिता प्रजापति दक्ष शिव जी पसंद नहीं करते थे, क्योंकि शिव जी ने ब्रह्मा जी का पांच में से एक सिर काट दिया था, अपने पिता ब्रह्मा जी के साथ हुई इस घटना की वजह से दक्ष शिव जी को अपमानित……..

सीख; माता सती के पिता प्रजापति दक्ष शिव जी पसंद नहीं करते थे, क्योंकि शिव जी ने ब्रह्मा जी का पांच में से एक सिर काट दिया था, अपने पिता ब्रह्मा जी के साथ हुई इस घटना की वजह से दक्ष शिव जी को अपमानित……..

वीरभद्र अवतार शिव जी के क्रोध से प्रकट हुआ था। शिव जी की आज्ञा से वीरभद्र ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ को खत्म कर दिया था और दक्ष का सिर काट दिया था। आज जानिए शिव जी के अवतार वीरभद्र से जुड़ी कथा… शिवजी और माता सती से जुड़ी कथा है। ये कथा श्रीमद् देवी…

सीख; जब विश्वामित्र एक राजा थे, तब एक दिन वे शिकार खेलते-खेलते बहुत दूर निकल आए, आराम करने के लिए वे ऋषि वशिष्ठ के आश्रम में रुक थे, आश्रम ने विश्वामित्र ने कामधेनु नंदिनी गाय को देखा…….

सीख; जब विश्वामित्र एक राजा थे, तब एक दिन वे शिकार खेलते-खेलते बहुत दूर निकल आए, आराम करने के लिए वे ऋषि वशिष्ठ के आश्रम में रुक थे, आश्रम ने विश्वामित्र ने कामधेनु नंदिनी गाय को देखा…….

ऋषि वशिष्ठ श्रीराम कुलगुरु थे। इन्हीं की सलाह पर राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। यज्ञ के फल से श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। इन्होंने वशिष्ठ पुराण, वशिष्ठ श्राद्धकल्प, वशिष्ठ शिक्षा आदि ग्रंथों की रचना भी की। जब विश्वामित्र एक राजा थे, तब एक दिन वे शिकार खेलते-खेलते बहुत दूर निकल…

द्रोणाचार्य अपने पुत्र अश्वथामा से बहुत ज्यादा मोह रखते थे, अपने पुत्र को भी कौरव और पांडवों के साथ युद्ध कला की शिक्षा दे रहे थे, मोह की वजह से वे अश्वत्थामा, कौरव, पांडवों के बीच भेदभाव भी करते…….

द्रोणाचार्य अपने पुत्र अश्वथामा से बहुत ज्यादा मोह रखते थे, अपने पुत्र को भी कौरव और पांडवों के साथ युद्ध कला की शिक्षा दे रहे थे, मोह की वजह से वे अश्वत्थामा, कौरव, पांडवों के बीच भेदभाव भी करते…….

द्वापर युग में यानी महाभारत काल में भारद्वाज ऋषि के पुत्र थे द्रोणाचार्य। द्रोणाचार्य का विवाह कृपाचार्य की बहन कृपी से हुआ था। विवाह के बाद द्रोणाचार्य और कृपि ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था। इनकी तपस्या से शिव जी प्रसन्न होकर प्रकट हुए। शिव जी ने इन्हें पुत्र का…

प्रसंग; अर्जुन ने एक पर्वत पर देवराज इंद्र से दिव्यास्त्र पाने के लिए तप किया, देवराज इंद्र प्रकट हुए और उन्होंने से कहा कि मुझसे दिव्यास्त्र लेने से पहले तुम्हें शिव जी को प्रसन्न करना होगा, इंद्र देव की बात मानकर अर्जुन ने……..

प्रसंग; अर्जुन ने एक पर्वत पर देवराज इंद्र से दिव्यास्त्र पाने के लिए तप किया, देवराज इंद्र प्रकट हुए और उन्होंने से कहा कि मुझसे दिव्यास्त्र लेने से पहले तुम्हें शिव जी को प्रसन्न करना होगा, इंद्र देव की बात मानकर अर्जुन ने……..

शिव जी की कथाओं में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं। भगवान विष्णु की तरह ही शिव जी ने कई अवतार लिए हैं। भगवान ने एक अवतार अर्जुन का घमंड तोड़ने के लिए भी लिया था। महाभारत का प्रसंग है। कोरव और पांडवों का युद्ध तय हो गया था। दोनों…

कबीर जी के उपदेश सुनने एक धनी व्यक्ति भी आता था, धनी व्यक्ति कबीर दास जी से बहुत प्रभावित था, एक दिन उस धनी व्यक्ति ने देखा कि कबीर दास जी जो कुर्ता पहनते हैं, वह बहुत पुराना हो गया और कुर्ता बहुत ही सामान्य कपड़े……..

कबीर जी के उपदेश सुनने एक धनी व्यक्ति भी आता था, धनी व्यक्ति कबीर दास जी से बहुत प्रभावित था, एक दिन उस धनी व्यक्ति ने देखा कि कबीर दास जी जो कुर्ता पहनते हैं, वह बहुत पुराना हो गया और कुर्ता बहुत ही सामान्य कपड़े……..

संत कबीर के जीवन से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र छिपे हैं। अगर इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। जानिए कबीर दास जी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा, जिसमें कपड़ों से जुड़ी सीख दी गई है। संत…

सीख; एक बार नारद मुनि ने कामदेव को पराजित कर दिया और उन्हें इस बात का घमंड हो गया, इसके बाद नारद जी जहां जाते, वहां अपनी तारीफ करने लगते, ऐसे ही एक दिन वे शिव जी के पास पहुंच गए……..

सीख; एक बार नारद मुनि ने कामदेव को पराजित कर दिया और उन्हें इस बात का घमंड हो गया, इसके बाद नारद जी जहां जाते, वहां अपनी तारीफ करने लगते, ऐसे ही एक दिन वे शिव जी के पास पहुंच गए……..

शिव जी, विष्णु जी और नारद मुनि से जुड़ी कथा है। एक बार नारद मुनि ने कामदेव को पराजित कर दिया तो इस बात का घमंड हो गया। इसके बाद नारद जी जहां जाते, वहां अपनी तारीफ करने लगते। ऐसे ही एक दिन वे शिव जी के पास पहुंच गए। नारद जी ने शिव जी…

सीख; देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव के पास बहुत धन-संपत्ति थी, कुबेर को अपनी धन-दौलत पर घमंड हो गया था, एक दिन कुबेर घमंड के साथ ही शिव जी के पास पहुंच गए और शिव जी से कहा कि मैं आपको अपने……

सीख; देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव के पास बहुत धन-संपत्ति थी, कुबेर को अपनी धन-दौलत पर घमंड हो गया था, एक दिन कुबेर घमंड के साथ ही शिव जी के पास पहुंच गए और शिव जी से कहा कि मैं आपको अपने……

शिव जी की कथाओं में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं। इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो हमारी कई दिक्कतें दूर हो सकती हैं। यहां जानिए ऐसी ही कथा, जिसमें शिव जी ने संदेश दिया है कि हमें अपने पद और धन का घमंड नहीं करना चाहिए।…

सीख; परशुराम जी से ज्ञान हासिल करने के लिए कर्ण ने झूठ बोला था कि मैं ब्राह्मण पुत्र हूं, क्योंकि उस समय परशुराम जी ब्राह्मणों को ही ज्ञान दे रहे थे, कर्ण परशुराम जी शिष्य बन गया और ज्ञान हासिल करने लगा। एक दिन जब परशुराम जी……

सीख; परशुराम जी से ज्ञान हासिल करने के लिए कर्ण ने झूठ बोला था कि मैं ब्राह्मण पुत्र हूं, क्योंकि उस समय परशुराम जी ब्राह्मणों को ही ज्ञान दे रहे थे, कर्ण परशुराम जी शिष्य बन गया और ज्ञान हासिल करने लगा। एक दिन जब परशुराम जी……

परशुराम अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं, योद्धा और गुरु हैं। महाभारत के समय भीष्म, द्रोणाचार्य और कर्ण इनके शिष्य थे। परशुराम जी से ज्ञान हासिल करने के लिए कर्ण ने झूठ बोला था कि मैं ब्राह्मण पुत्र हूं, क्योंकि उस समय परशुराम जी ब्राह्मणों को ही ज्ञान दे रहे थे। कर्ण परशुराम जी शिष्य…