एक नदी के किनारे एक साधु झोपड़ी में रहते थे, एक दिन उन्हें नदी में एक सेब तैरता हुआ दिखाई दिया, उन्होंने तुरंत उस सेब को उठाया और खाने लगे, तभी उनके मन में विचार आया कि मुझे बिना मेहनत किए यह सब कैसे मिल गया……
एक साधु की नदी के किनारे के पास झोपड़ी थी। एक दिन साधु को नदी में तैरता हुआ सेब दिखाई दिया तो उसने तुरंत सेब निकाला और उसको खाने लग गया। तभी उसे विचार आया कि यह सेब मुझे बिना मेहनत किए मिला है। इस पर मेरा अधिकार नहीं है। मुझे इस सेब को सही…