एक आश्रम में किसी व्यक्ति ने गाय का दान किया, शिष्य बहुत खुश हुआ, उसने अपने गुरु को इस बारे में बताया तो गुरु ने उससे कहा कि चलो अच्छा है अब हमें रोज ताजा दूध मिलेगा, कुछ दिनों तक तो गुरु-शिष्य को रोज……
महाभारत की एक नीति में बताया गया है कि हर व्यक्ति को हर परिस्थिति में प्रसन्न रहना चाहिए. सुख हो या दुख हम अगर हर हाल में समभाव रहेंगे तो जीवन में सफलता मिलेगी. महाभारत के आदिपर्व में लिखा है- दु:खैर्न तप्येन्न सुखै: प्रह्रष्येत् समेन वर्तेत सदैव धीर:। दिष्टं बलीय इति मन्यमानो न संज्वरेन्नापि ह्रष्येत्…