सीख; शिष्यों का प्रश्न सुनने के बाद भी बुद्ध कुछ नहीं बोले चुपचाप बैठे रहे, उस समय एक शिष्य अन्य शिष्यों से दूर खड़ा हुआ था, वह वहीं से जोर से चिल्लाया, ‘आज मुझे यहां बैठने की अनुमति क्यों है……

सीख; शिष्यों का प्रश्न सुनने के बाद भी बुद्ध कुछ नहीं बोले चुपचाप बैठे रहे, उस समय एक शिष्य अन्य शिष्यों से दूर खड़ा हुआ था, वह वहीं से जोर से चिल्लाया, ‘आज मुझे यहां बैठने की अनुमति क्यों है……

एक दिन गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठे हुए थे। बुद्ध बहुत शांत दिख रहे थे। सभी शिष्यों ने बुद्ध को इस प्रकार देखकर सोचा कि शायद तथागत की तबीयत सही नहीं है। शिष्यों बुद्ध से पूछा, ‘आज आप इतने शांत बैठे हैं। आपका स्वास्थ्य तो ठीक हैं ना या हमसे कोई गलती हो…

सीख; एक राजा ने भिखारी से कहा कि आप मुझे भीख में थोड़ा सा अनाज दे दें, राजा से ये बातें सुनकर भिखारी हैरान था, राजा को वह मना भी नहीं कर सकता था, उसने अपनी झोली में हाथ डाला, मुट्ठी……

सीख; एक राजा ने भिखारी से कहा कि आप मुझे भीख में थोड़ा सा अनाज दे दें, राजा से ये बातें सुनकर भिखारी हैरान था, राजा को वह मना भी नहीं कर सकता था, उसने अपनी झोली में हाथ डाला, मुट्ठी……

पूजा-पाठ के साथ ही दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि दिए दान का कई गुना फल मिलता है। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। जानिए ये कथा… प्रचलित कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा अपने रथ से अपने राज्य में भ्रमण कर रहा था। तभी रास्ते…

सीख; एक दिन देवाचार्य जी किसी जंगल से गुजर रहे थे, उनके साथ कुछ और लोग भी थे, जंगल में अचानक लोगों ने देखा कि सामने से शेर आ रहा है, सभी इधर-उधर भागने लगे, लोगों ने देवाचार्य जी से कहा……

सीख; एक दिन देवाचार्य जी किसी जंगल से गुजर रहे थे, उनके साथ कुछ और लोग भी थे, जंगल में अचानक लोगों ने देखा कि सामने से शेर आ रहा है, सभी इधर-उधर भागने लगे, लोगों ने देवाचार्य जी से कहा……

नारायण देवाचार्य नाम के एक संत थे। सभी उनका बहुत सम्मान करते थे। देवाचार्य जी अपने गुरु वाक्य में बहुत विश्वास करते थे। वे अपने हर प्रवचन में लोगों को समझाते थे, ‘जीवन में गुरु का होना बहुत जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति अपने गुरु की बात को जीवन में उतार लेता है तो उसका…

सीख; एक दिन एक दुखी किसान भगवान पर नाराज हो गया, वह भगवान को कोसने लगा, तभी उसके सामने भगवान प्रकट हुए, किसान ने भगवान से बोला हे भगवन् आपको खेती की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है, आप……

सीख; एक दिन एक दुखी किसान भगवान पर नाराज हो गया, वह भगवान को कोसने लगा, तभी उसके सामने भगवान प्रकट हुए, किसान ने भगवान से बोला हे भगवन् आपको खेती की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है, आप……

एक प्रचलित कथा के अनुसार पुराने समय में एक किसान की फसल बार-बार खराब हो रही थी। कभी तेज बारिश की वजह से, कभी तेज धूप की वजह से, कभी ठंड की वजह से उसकी फसल पनप नहीं पा रही थी।  एक दिन इससे दुखी होकर किसान भगवान पर नाराज हो गया। वह भगवान को…

सीख; एक दिन संत तुकाराम से मिलने उनका एक भक्त आया, वो व्यक्ति उसने बोला, ‘मैं देखता हूं कि आप बहुत निश्चिंत रहते हैं, कैसी भी समस्या आ जाए, आपको को उससे फर्क नहीं पड़ता है, हमेशा चेहरे पर मुस्कान…..

सीख; एक दिन संत तुकाराम से मिलने उनका एक भक्त आया, वो व्यक्ति उसने बोला, ‘मैं देखता हूं कि आप बहुत निश्चिंत रहते हैं, कैसी भी समस्या आ जाए, आपको को उससे फर्क नहीं पड़ता है, हमेशा चेहरे पर मुस्कान…..

संत तुकाराम अपने भक्तों की बातें ध्यान से सुनते थे और बहुत ही सोच-समझकर उनकी समस्याओं का हल बताते थे। एक दिन उनके पास एक भक्त आया और उसने कहा, ‘मैं देखता हूं कि आप बहुत निश्चिंत रहते हैं। कैसी भी समस्या आ जाए, आपको को उससे फर्क नहीं पड़ता है, हमेशा चेहरे पर मुस्कान…

सीख; एक किसान अपनी गरीबी के कारण परेशान था, एक दिन उसके गांव में एक संत पहुंचे, किसान तुरंत उनसे मिलने पहुंचा,  संत ने किसान को एक मंत्र बताया और मंत्र जाप की विधि भी समझा…….

सीख; एक किसान अपनी गरीबी के कारण परेशान था, एक दिन उसके गांव में एक संत पहुंचे, किसान तुरंत उनसे मिलने पहुंचा, संत ने किसान को एक मंत्र बताया और मंत्र जाप की विधि भी समझा…….

 जो लोग अपने जीवन से असंतुष्ट रहते हैं, उनका मन कभी भी शांत नहीं हो सकता है। सुख-शांति पाना चाहते हैं तो जीवन में संतुष्टि होनी चाहिए। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक किसान गरीबी की वजह से बहुत परेशान रहता था। एक दिन उसके गांव…

सीख; राजा जनक यज्ञ भूमि के लिए हल चला रहे थे, उस समय खेत में से उन्हें एक कन्या मिली थी, जिसका नाम सीता रखा गया, उस दिन भी मंगलवार ही था, हल की नोंक को सीत कहते हैं, हल की नोंक से देवी सीता……

सीख; राजा जनक यज्ञ भूमि के लिए हल चला रहे थे, उस समय खेत में से उन्हें एक कन्या मिली थी, जिसका नाम सीता रखा गया, उस दिन भी मंगलवार ही था, हल की नोंक को सीत कहते हैं, हल की नोंक से देवी सीता……

राजा जनक यज्ञ भूमि के लिए हल चला रहे थे, उस समय खेत में से उन्हें एक कन्या मिली थी, जिसका नाम सीता रखा गया। उस दिन भी मंगलवार ही था। हल की नोंक को सीत कहते हैं। हल की नोंक से देवी सीता प्राप्त हुई थीं, इसलिए राजा जनक ने कन्या का नाम सीता…

सीख; संत लाखा जी एक घर के बाहर खड़े हुए तो उन्होंने सुना कि अंदर एक महिला अपने बेटे से कह रही थी, ‘जा, देख सेठ जी मर गए हैं, पूरे गांव में खबर है, तो तू जाकर देख कि सेठ जी स्वर्ग के रास्ते पर गए या नर्क के रास्ते पर……

सीख; संत लाखा जी एक घर के बाहर खड़े हुए तो उन्होंने सुना कि अंदर एक महिला अपने बेटे से कह रही थी, ‘जा, देख सेठ जी मर गए हैं, पूरे गांव में खबर है, तो तू जाकर देख कि सेठ जी स्वर्ग के रास्ते पर गए या नर्क के रास्ते पर……

राजस्थान के एक गांव में संत लाखा जी घूम रहे थे। उन्हें कोई भिक्षा दे दे तो वे खा लेते थे। उन्हें भूख नहीं लगती थी। जब इस बारे में लोग पूछते तो वे कहते, ‘मैं सुबह गीता पढ़ लेता हूं और शाम को विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर लेता हूं। इससे मेरा पेट भर…

सीख; एक दिन किसी गांव में संत मामा प्रयागदास के प्रवचन चल रहे थे, जो लोग व्यवस्था में लगे थे, वे आपस में चर्चा कर रहे थे कि इनके लिए सात तरह के फूलों की व्यवस्था करनी पड़ती है, गांव के लोग सोचने लगे कि ये सात फूल कौन-कौन से……..

सीख; एक दिन किसी गांव में संत मामा प्रयागदास के प्रवचन चल रहे थे, जो लोग व्यवस्था में लगे थे, वे आपस में चर्चा कर रहे थे कि इनके लिए सात तरह के फूलों की व्यवस्था करनी पड़ती है, गांव के लोग सोचने लगे कि ये सात फूल कौन-कौन से……..

संत मामा प्रयागदास सीता जी को अपनी बहन मानते थे। इस कारण सभी लोग उन्हें मामा कहते थे। वे जिस गांव में जाते थे, वहां के लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचते थे। एक दिन किसी गांव में उनके प्रवचन चल रहे थे। जो लोग व्यवस्था में लगे थे, वे आपस में चर्चा कर रहे…

सीख; बुआ को देखकर श्रीकृष्ण रथ से नीचे उतरे, श्रीकृष्ण उन्हें प्रणाम करते, उससे पहले कुंती झुकीं और श्रीकृष्ण को प्रणाम करने लगीं, श्रीकृष्ण ने कहा, ‘आप मेरी बुआ हैं, मैं आपका माता की तरह सम्मान करता……

सीख; बुआ को देखकर श्रीकृष्ण रथ से नीचे उतरे, श्रीकृष्ण उन्हें प्रणाम करते, उससे पहले कुंती झुकीं और श्रीकृष्ण को प्रणाम करने लगीं, श्रीकृष्ण ने कहा, ‘आप मेरी बुआ हैं, मैं आपका माता की तरह सम्मान करता……

महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था। पांडव राजा बन चुके थे। श्रीकृष्ण ने निर्णय लिया कि अब मैं द्वारिका जाऊंगा। श्रीकृष्ण रथ पर बैठ आगे बढ़े, तो सामने कुंती खड़ी थीं। कुंती श्रीकृष्ण की बुआ थीं। बुआ को देखकर श्रीकृष्ण रथ से नीचे उतरे। श्रीकृष्ण उन्हें प्रणाम करते, उससे पहले कुंती झुकीं और श्रीकृष्ण…