एक लकड़हारे ने उपहार के रूप में गुरु को थोड़ी सी घास दी, गुरु ने उसे अनमोल उपहार की तरह अपनी कुटिया में रख लिया, शिष्यों ने अपने गुरु से पूछा कि आप इस मामूली घास……
गुरुकुल में कुछ शिष्य और गुरु के साथ-साथ रहते थे। एक लकड़हारा आश्रम के पास से गुजर ही रहा था कि वह गुरु और शिष्य को देख कर रुक गया। लकड़हारे ने अपनी गठरी से घास के कुछ पुलिंदे निकाले और उनको गुरु के चरणों में रख दिए। लकड़हारे ने गुरु से कहा कि मैं…