आधी रात को शिष्य संत के घर गया और बोला कि मुझे धन से भरी हुई यह थैली अभी दान करनी है, तो गुरु ने शिष्य से कहा कि तुम्हें इतनी रात को……

आधी रात को किसी ने संत का दरवाजा खटखटाया और जब संत ने दरवाजा खोलकर देखा कि उनके घर के बाहर उनका शिष्य खड़ा है और उसके हाथ में धन से भरी हुई एक थैली है। शिष्य ने संत को प्रणाम करने के बाद कहा कि गुरुदेव मुझे अभी आपको यह धन दान करना है।

संत ने शिष्य से कहा कि तुम मुझे यह दान सुबह भी कर सकते हो। इतनी रात में तुम्हें आने की क्या जरूरत थी। शिष्य ने कहा कि गुरु जी आपने ही मुझे सिखाया है कि जब भी अच्छा काम करने का विचार आए तो उसे कर देना चाहिए। नहीं तो बाद में मन बदल सकता है।

बुरा काम करने से पहले बार बार सोचो। लेकिन अच्छा काम तुरंत कर देना चाहिए। मैं इसीलिए इतनी रात में आया हूं, ताकि सुबह तक मेरे मन में बुरे विचार ना आएं और मेरा मन ना बदल जाए। इसीलिए मैं आपको यह धन अभी-अभी दान करना चाहता हूं।

शिष्य की यह बात सुनकर संत काफी खुश हो गए और उसे अपने गले लगा लिया। संत ने कहा कि जो व्यक्ति इस बात को अपने जीवन में धारण करता है, उसे कभी असफलता नहीं झेलनी पड़ती और वह कभी बुरे काम नहीं करता है।

कथा की सीख

इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमारे मन में हर रोज कई तरह के विचार आते हैं, जिनमें कुछ अच्छे होते हैं और कुछ बुरे होते हैं। अच्छे विचारों पर तुरंत अम्ल करना चाहिए। बुरे विचारों की वजह से हमारा मन बदल जाता है। बुरे कामों के बारे में हमें बार-बार सोचना चाहिए, ताकि हम कोई गलत काम ना करें।

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