एक महिला बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था, दूसरों की शिकायत करना उसकी एक आदत बन गयी थी, परिवार और समाज में हर छोटी सी छोटी बात पर चिल्लाना उसका रोजाना का काम……
एक महिला बहुत ही गुस्से में रहा करती थी, वह हमेशा दूसरे लोगों से शिकायत करती रहती थी. छोटी-छोटी बातों पर वो परिवार और समाज के लोगों पर चिल्लाने लगती थी. इस वजह से उसके परिवार वाले और गांव वाले सभी उससे परेशान थे. महिला को लगता था कि वह कभी खुश नहीं रह पाएगी. उसके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं है. वह हमेशा खुशियों को तलाशने में लगी रहती. लेकिन हमेशा उसे दुख मिलता.
एक दिन गांव में एक संत आए. गांव के लोगों ने संत को बताया कि सब लोग एक महिला से बहुत परेशान है, कृपा करें. कैसे भी उसे ठीक करें. संत ने कहा कि उस महिला को मेरे पास भेज दो. मैं उससे बात करूंगा. गांव के लोगों ने किसी तरह से उस महिला को संत के पास भेज दिया. महिला संत के पास गई.
संत ने महिला से पूछा कि तुम इतना गुस्सा क्यों करती हो. तब उसने बताया कि मैं जीवन में सुखी रहना चाहती हूं. लेकिन ऐसा नहीं होता और मुझे गुस्सा आ जाता है. संत ने उस महिला को समझाया कि तुम खुशियों को मत तलाशो. बस अपने जीवन को पूरे उत्साह के साथ जियो. हर समय अपने होठों पर प्रसन्नता रखो. हर पल का आनंद उठाओ. दूसरों को खुश रखो. जब तुम दूसरों को खुश करोगी तो तुम खुश रहने लगेगी.
महिला में संत के सामने संकल्प लिया कि अब वह ऐसा ही करेगी. संत के आश्रम से घर लौटने के बाद महिला पूरी तरह से बदल गई थी. उसने दूसरों से शिकायत करना बंद कर दिया और वह गुस्सा भी नहीं करती थी. उस महिला के व्यवहार को बदलता देख सभी लोग खुश थे और अब उसे अपने दुख-सुख में शामिल करने लगे. महिला को यह सब बहुत अच्छा लगा और वह समझ गई कि वह बिना वजह ही दूसरों को गलत समझती थी. जबकि वह खुद गलत थी. इसी वजह से सब उसको गलत लगते थे.
कहानी की सीख
कहानी से हमें सीखने को मिलता है जब हम क्रोध में होते हैं तो हमें सभी लोग गलत नजर आते हैं. जब कोई हमारी बात नहीं मानता तो हम गुस्सा हो जाते हैं, जिस वजह से हमारी समस्या और बढ़ जाती है. इसीलिए हमें कभी क्रोध नहीं करना चाहिए. नहीं तो हम सब लोगों से दूर हो जाते हैं. शांत रहकर ही सब चीजों को हल करना चाहिए.